Republic Day 2022: राजपथ पर आजादी के बाद से अब तक की वर्दियों में नजर आएंगे सेना के जवान, परेड में होंगे 16 मार्चिंग दस्ते
Republic Day 2022: परेड में सेना के जवान 1950, 1960, 1970 के दशक में पहनी जाने वाली ऑलिव ग्रीन और इस साल सेना दिवस पर लॉन्च की गई नई डिजिटल पैटर्न वाली लड़ाकू वर्दी में दिखेंगे. राजपूत रेजीमेंट के जवान 1950 की वर्दी पहनकर 303 राइफल के साथ मार्च करते नजर आएंगे.
मेजर जनरल आलोक काकर ने कहा कि परेड में कुल 16 मार्चिंग दस्ते होंगे. (फाइल फोटो)
मेजर जनरल आलोक काकर ने कहा कि परेड में कुल 16 मार्चिंग दस्ते होंगे. (फाइल फोटो)
Republic Day 2022: सेना के जवान इस साल गणतंत्र दिवस परेड में 1950 से आज तक सेना की अलग-अलग वर्दी में नजर आएंगे. इसमें इनमें 1950, 1960, 1970 के दशक में पहनी जाने वाली पहली वर्दी शामिल है. वहीं इसमें इस साल सेना दिवस पर लॉन्च की गई नई डिजिटल पैटर्न वाली लड़ाकू वर्दी को भी शामिल किया गया है. अलग-अलग हथियारों के साथ अलग-अलग वर्दी पहने सेना की 6 मार्चिंग टुकड़ियां होंगी.
डिजिटल पैटर्न वाली लड़ाकू वर्दी
परेड में सेना के जवान 1950, 1960, 1970 के दशक में पहनी जाने वाली ऑलिव ग्रीन और इस साल सेना दिवस पर लॉन्च की गई नई डिजिटल पैटर्न वाली लड़ाकू वर्दी में दिखेंगे. राजपूत रेजीमेंट के जवान 1950 की वर्दी पहनकर 303 राइफल के साथ मार्च करते नजर आएंगे. इसके बाद असम रेजीमेंट के जवान 303 राइफलों के साथ 1960 में प्रचलन वाली वर्दी पहनेंगे.
सेना की छह मार्चिंग टुकड़ियां
जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के सैनिक 1970 की वर्दी में 7.62 मिमी. राइफल के साथ होंगे. पैराशूट रेजिमेंट की टुकड़ी लेटेस्ट टैवर राइफलों के साथ इसी साल लॉन्च की गई नई लड़ाकू वर्दी पहने नजर आएगी. सिख लाइट इन्फैंट्री और आर्मी ऑर्डनेंस के सैनिक इंसास राइफलों के साथ ऑलिव ग्रीन ड्रेस में नजर आएंगे. अलग-अलग हथियारों के साथ अलग-अलग वर्दी पहने सेना की छह मार्चिंग टुकड़ियां परेड में शामिल होंगी.
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कुल 16 मार्चिंग दस्ते
मेजर जनरल आलोक काकर ने कहा कि परेड में कुल 16 मार्चिंग दस्ते होंगे. आर्मी से छह टुकड़ियों के अलावा नेवी और एयर फोर्स से एक-एक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 4, दिल्ली पुलिस से 2, राष्ट्रीय कैडेट कोर और एनएसएस से एक मार्चिंग दस्ते को परेड में शामिल किया जाएगा.
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए पुराने प्लेटफॉर्म एचटी 16 से लेकर आधुनिक शक्तिशाली आकाश मिसाइल प्रणाली को भी परेड का हिस्सा बनाया गया है. बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से महात्मा गांधी की पसंदीदा धुन ‘एबाइड विद मी’ को हटाने के बारे में उन्होंने कहा कि हमारा चार्टर कार्यक्रम आयोजित करना है, इसलिए धुनों के सलेक्शन पर टिप्पणी नहीं कर सकता.
बीटिंग द रिट्रीट में 1,000 ड्रोन
पाकिस्तान के साथ 1965 और 1971 के युद्ध में इस्तेमाल किए गए गन सिस्टम को भी राजपथ पर दर्शाया जाएगा. इसमें पीटी 76 और सेंचुरियन जैसे पुराने प्लेटफॉर्म, आधुनिक धनुष गन सिस्टम और अर्जुन टैंक युद्ध शामिल होंगे. 150 किलोमीटर तक के हवाई क्षेत्र की निगरानी करने की क्षमता के लिए डेवलेप किए गए स्वदेशी एयर डिफेन्स सिस्टम और 25 किलोमीटर की सीमा तक दुश्मन के हवाई प्लेटफार्मों को टार्गेट बनाने की क्षमता वाले सिस्टम भी परेड का हिस्सा होंगे.
आजादी के 75 साल की थीम पर 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट के दौरान पहली बार 1,000 ड्रोन डिस्प्ले होंगे. इन्हें आईआईटी दिल्ली के स्टार्टअप बॉटलानब डायनेमिक्स ने स्वदेशी रूप से डेवलेप किया है. अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों ने इतने बड़े पैमाने पर ड्रोन का उपयोग करके इसी तरह के प्रदर्शन किए हैं.
08:54 AM IST